अपनी नई राह में कहीं खो न जाना…
नई दोस्ती के हाथ थामते थामते…
कहीं हमारी दोस्ती के हाथ छोड़ ना जाना !!!
Aashi
अपनी नई राह में कहीं खो न जाना…
नई दोस्ती के हाथ थामते थामते…
कहीं हमारी दोस्ती के हाथ छोड़ ना जाना !!!
Aashi
रूठना न कभी मुझसे
मुझे मनाना नही आता
साथ बैठकर अपना हाल
बताना भी नही आता
दोस्ती कर निभानी तो खूब आती है
पर हक जताना नहीं आता
Aashi
क्या सच में हम
इतनी दूर निकल आए
कि अब आपके
ख्यालों में भी नही आते
Aashi
हर चाह को इंतज़ार है तुम्हारा
बस मांगने की देर है
चाह भी चाहती है तुम्हें
बस पाने की देर है
Aashi
शायर तो हम कभी थे ही नहीं…
यह तो ज़िंदगी के तजुर्बों ने…
शब्दो को कुछ इस कदर मिला दिया…
कि वो शायरी बन गई!!!
Aashi
हम जानते है कि आप
किसी ओर की मन्नत हो,,,
पर फिर भी हम खुद को आपकी
इबादत करने से रोक न पाए!!!
Aashi
बस इतनी सी तमन्ना है
तेरे रंग में रंग जाऊ
रहूं न मैं ज़रा मुझ में
तेरी होके रह जाऊं
किसी से न कहा है जो
तुम्हीं से बात वो कह जाऊं
सभी देते है दिल अक्सर
मैं तुम्हे यह जान भी दे जाऊं
Aashi
जब तक हूं तुम्हारे इर्द गिर्द,,,
ये नादानियां कर लेने दो,,,
नाराज़गी दिखाकर क्या पाओगे तुम,,,
थोड़ा मुझे भी हस लेने दो,,,
लोगो को कहते सुना है मैने,,,
खुद को कहीं खो चुका हूं मैं,,,
ढूंढना है अब खुद को मुझे,,,
तुम्हारी आँखों 👀में देख लेने दो ।।।
वो इंतज़ार करते रहे
हमारे कुछ कहने का
अगर एक दफा अपनी नज़रों को
हमारी नज़रों से मिला लेते
तो आज मंज़र ही क्या होता
उस इंतज़ार का !!!
Aashi
ना जाने यह कैसी…
आदत लग गई…
हर इक बात को…
आपसे कहने की…
लत सी लग गई!!!
Aashi