कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना
यूं बात को बढ़ा कर क्या करना
आप मेरे थे, मेरे हो, मेरे ही रहोगे
दुनिया को बता कर क्या करना
Aashi
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कोई ग़ज़ल सुना कर क्या करना
यूं बात को बढ़ा कर क्या करना
आप मेरे थे, मेरे हो, मेरे ही रहोगे
दुनिया को बता कर क्या करना
Aashi
इस दुनिया में हर कोई अपने मतलब के लिए
किसी को दोस्त बनाता है
उस से बात करता है…
तो मै बस यही सोचती हूं कि
मुझे आपसे “क्या मतलब है” ।।।
Aashi
लगता है किसी ने आपको
मेरी पलकों में फिक्स कर दिया
जैसे ही आँखें बंद करती हूं
बस आप दिखाई देते हो
Aashi
आंखो में नमी है,
लबों पर हसी है,
क्या हाल है,
और क्या दिखा रहे है !!
Aashi
कुछ दाएं बैठे है ,
कुछ बाएं बैठे है ,
कुछ नज़रों से नज़रें
मिलाए बैठे है ,
मगर जिनसे हम नज़र
मिलाना चाहते है ,
वह तो नज़रें
झुकाए बैठे हैं ।।
Aashi