आज रूबरू न मिल पाए तो क्या हुआ
बंद आँखो का ख़्वाब बनकर मिल लेंगे !!
Aashi
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आज रूबरू न मिल पाए तो क्या हुआ
बंद आँखो का ख़्वाब बनकर मिल लेंगे !!
Aashi
जब तक हूं तुम्हारे इर्द गिर्द,,,
ये नादानियां कर लेने दो,,,
नाराज़गी दिखाकर क्या पाओगे तुम,,,
थोड़ा मुझे भी हस लेने दो,,,
लोगो को कहते सुना है मैने,,,
खुद को कहीं खो चुका हूं मैं,,,
ढूंढना है अब खुद को मुझे,,,
तुम्हारी आँखों 👀में देख लेने दो ।।।
आँखें झुकी…तो हया बन गई,,
आँखें उठी…तो दुआ बन गई,,
आँखें उठ कर झुकी…तो अदा बन गई,,
आँखें झुक कर उठी…तो खता बन गई!!!
Aashi
आँखें और बादल कुछ एक से ही है…
पानी को खुद में सिमेटते रहते है…
जब भर जाते है तो बरस पड़ते है…
फर्क केवल नज़रिए का है…
बादल बरसा तो बारिश,,,
आँखें बरसी तो आँसू!!!
Aashi