Hadd – हद्द

हद्द

खुदा मान बैठे उन्हें…
ऐतबार की हद्द इससे ज्यादा क्या होगी,,
सांसों में आँखों में बातों में बस…
उन्हीं का ज़िक्र रहा करता था…
बेकरार की हद्द इससे ज्यादा क्या होगी,,
प्यार मिले बिना दिया ज़िंदगी भर प्यार उन्हें…
प्यार की हद्द इससे ज्यादा क्या होगी,,
मर के भी खुली छोड़ गए अपनी आँखें उनके लिए…
इंतज़ार की हद्द इससे ज्यादा क्या होगी !!!

                                                               — Aashi