अज़ीज निशानी
सोचा नहीं अच्छा बुरा…
देखा सुना कुछ भी नही…
मांगा खुदा से हर वक्त…
आपके सिवा कुछ भी नहीं…
देखा आपको चाहा आपको…
सोचा आपको पूजा आपको…
मेरी वफा मेरी खत्ता…
आपकी खत्ता कुछ भी नहीं…
जिस पर हमारी आंखो ने…
मोती बिछाए रात भर…
भेजा वही कागज़ आपको…
हमने लिखा कुछ भी नहीं…
हमें अज़ीज है आपकी हर निशानी…
चाहे दिल का दर्द हो या…
आँखों का पानी!!!
— Aashi