आज रूबरू न मिल पाए तो क्या हुआ
बंद आँखो का ख़्वाब बनकर मिल लेंगे !!
Aashi
आज रूबरू न मिल पाए तो क्या हुआ
बंद आँखो का ख़्वाब बनकर मिल लेंगे !!
Aashi
यह कैसा फितूर छाया आपका है…
आपकी आवाज़ नशा देती है…
और आपका चेहरा बेहोश भी नहीं होने देता है!!!
Aashi
काट लेते हैं हम
इन रातों को
अपनी आंखों को
तेरे ख्वाबों का लालच देकर
Aashi
अपने हौंसलो को इतना बुलंद रखो
कि चाहे कुछ भी नही
पर फिर भी जैसे
तुम ही सब कुछ हो
Aashi
कुछ बनने के लिए
पास होना ज़रूरी होता है
लेकिन
शायर बनने के लिए
मोहब्बत में फेल होना पड़ता है
Aashi
ए रूठ कर जाने वाले…
बस इतना बता जा हमें…
क्या खता हुई हमसे…
जो हमें खतावार बना दिया तूने!!!
Aashi
उनकी हर बात में
कोई तो बात है
जो मेरी हर बात में
उनकी ही बात है
Aashi
शायर तो हम कभी थे ही नहीं…
यह तो ज़िंदगी के तजुर्बों ने…
शब्दो को कुछ इस कदर मिला दिया…
कि वो शायरी बन गई!!!
Aashi
जब तक हूं तुम्हारे इर्द गिर्द,,,
ये नादानियां कर लेने दो,,,
नाराज़गी दिखाकर क्या पाओगे तुम,,,
थोड़ा मुझे भी हस लेने दो,,,
लोगो को कहते सुना है मैने,,,
खुद को कहीं खो चुका हूं मैं,,,
ढूंढना है अब खुद को मुझे,,,
तुम्हारी आँखों 👀में देख लेने दो ।।।
वो इंतज़ार करते रहे
हमारे कुछ कहने का
अगर एक दफा अपनी नज़रों को
हमारी नज़रों से मिला लेते
तो आज मंज़र ही क्या होता
उस इंतज़ार का !!!
Aashi