गलती की इन निगाहों ने आपको चाहने की
तो सज़ा भी तो क्या खूब पाई
हर पल बस बरसते रहने की !!
Aashi
गलती की इन निगाहों ने आपको चाहने की
तो सज़ा भी तो क्या खूब पाई
हर पल बस बरसते रहने की !!
Aashi
हम जल्दी सो जाए तो रात बुरा मान जाती है…
अगर देर से सोए तो आपके ख़्वाब हमसे रूठ जाते है…
बस तो कभी जल्दी सो जाते है तो कभी देर से…
ताकि रात भी हमारी रहे और आपके ख़्वाब भी!!!
Aashi
रूठना न कभी मुझसे
मुझे मनाना नही आता
साथ बैठकर अपना हाल
बताना भी नही आता
दोस्ती कर निभानी तो खूब आती है
पर हक जताना नहीं आता
Aashi
आँखें झुकी…तो हया बन गई,,
आँखें उठी…तो दुआ बन गई,,
आँखें उठ कर झुकी…तो अदा बन गई,,
आँखें झुक कर उठी…तो खता बन गई!!!
Aashi
अक्सर सो जाया करते है
बस इक ही आस में
कि शायद आप हमसे
ख्वाबों में मिलने आ जाओ
Aashi
अब मेरी क्या गलती है
कसूर तो इस नज़र का है
इसने आपको खुद में बसाया
और दिल को भी बोल दिया
आपको ही चाहने के लिए
Aashi
ख़रीद सकती तो अपनी
जान देकर भी खरीद लेती
पर चाहने वाले कीमत से नहीं
किस्मत से मिलते हैं
Aashi
तू बोले ना बोले
तेरे बोलने का गम नही
बस एक बार मुस्कुरा दे
तेरे बोलने से कम नहीं
Aashi
आपकी रुसवाई काम कर गई
अब आपको अपना बनाने की
चाहत ही मर गई
Aashi
रोकना है तो उन्हें रोक लो
हम तो फिर खुद ही रुक जाएंगे
Aashi