रूठना न कभी मुझसे
मुझे मनाना नही आता
साथ बैठकर अपना हाल
बताना भी नही आता
दोस्ती कर निभानी तो खूब आती है
पर हक जताना नहीं आता
Aashi
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रूठना न कभी मुझसे
मुझे मनाना नही आता
साथ बैठकर अपना हाल
बताना भी नही आता
दोस्ती कर निभानी तो खूब आती है
पर हक जताना नहीं आता
Aashi
हम जानते है कि आप
किसी ओर की मन्नत हो,,,
पर फिर भी हम खुद को आपकी
इबादत करने से रोक न पाए!!!
Aashi
छुपा लूं कुछ इस क़दर
आपको अपनी बाहों में
कि हवा भी गुजरने
की इजाज़त मांगे
Aashi
फूल जब मांगते है बरसो दुआ…
तब जाके कहीं कली खिलती है…
तुम तो आए हो जन्नत से…
ऐसी मोहब्बत ज़माने में कहा मिलती है!!!
Aashi
चले ना ज़ोर इश्क़ पे …
करेंगे थोड़ा गोर इश्क़ पे …
यह दर्द है…या है दवा !!!
Aashi